CV Ananda Bose: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर छेड़छाड़ के आरोप, जाँच के लिए टीम गठित

संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल CV Ananda Bose पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया, पश्चिम बंगाल पुलिस ने जांच शुरू की

CV Ananda Bose

राज्यपाल पर छेड़छाड़ के आरोप

 पश्चिम बंगाल पुलिस ने राज्यपाल CV Ananda Bose के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार शाम को एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला और निराशाजनक करार दिया और कहा कि यह वही राज्यपाल जिन्होंने संदेशखाली पहुंचने में बहुत तत्परता दिखाई थी,  अब उन पर ही राजभवन में एक महिला कर्मचारी ने उससे छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

राज्यपाल CV Ananda Bose ने अपने उपर लगे आरोपो पर प्रतिक्रिया दी

इस बीच CV Ananda Bose भी प्रतिक्रिया आ गयी है, बोस ने कहा कि उन्हें इस तरह के और भी आरोप सामने आने की उम्मीद है, लेकिन यह उन्हें राज्य में भ्रष्टाचार को उजागर करने और राज्य की हिंसा पर रोकथाम लगाने के उनके प्रयासों से नहीं रोकेगा।

CV Ananda Bose ने आगे आरोपों को बेतुका नाटक करार दिया, और कहा सच्चाई की जीत होगी और मैं बेतुका और घिनौने नाटको से डरने वाला नही हूं। अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान उनका भला करे। लेकिन वे लोग बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक पाएंगे|

CV Ananda Bose ने राजभवन द्वारा जारी एक रिकॉर्डेड बयान में कहा “मै कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा मुझ पर लगाए गए सभी उदार आरोपों और लगातार आक्षेपों का स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं  मेरे दोस्तों, अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। लेकिन एक बात स्पष्ट है, कोई भी बेतुका नाटक मुझे मेरे काम से नहीं डिगा सकता भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए मेरा दृढ़ प्रयास जारी रहेगा|

बोस ने आरोपों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि एक दिन उन्हें 1943 के महान बंगाल अकाल के साथ-साथ ‘1946 कलकत्ता हत्याओं’ के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज राजनतिक पार्टी की यही प्रकृति और मानशिकता है।”

सांसद सागरिका घोष ने कहा

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इससे पहले गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने बंगाल के राज्यपाल CV Ananda Bose पर एक महिला से ‘छेड़छाड़’ करने का आरोप लगाया था। एक्स पर एक पोस्ट में, घोष ने कहा कि एक महिला ने दावा किया कि जब वह उस दिन राजभवन में राज्यपाल से मिलने गई थी तो उसके साथ छेड़छाड़ की गई थी। नरेंद्र मोदी के कोलकाता दौरे से पहले, जो राजभवन में रात्रि विश्राम करने वाले हैं और एक महिला द्वारा राज्यपाल पर राजभवन में छेड़खानी का आरोप लगाया जाना कितना भयावह और भयानक है|

मंत्री शशि पांजा ने राज्यपाल के कार्यों की आलोचना की

CV Ananda Bose

पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने राज्यपाल CV Ananda Bose के कार्यों की आलोचना करते हुए इसे “शर्मनाक” बताया। उन्होंने कहा राज्यपाल ने अपने पद को बदनाम किया है और अपने पद और पॉवर का इस्तेमाल एक महिला को प्रताड़ित करने के लिए किया है।

ऐसी घटना देखना भयावह और चौंकाने वाला है। यह वही राज्यपाल हैं जो महिलाओं के अधिकारों और नारी शक्ति के बारे में बात करने के लिए बहुत तत्परता से संदेशखाली पहुंचे थे। यह शर्मनाक है कि राज्यपाल ने उस महिला को स्थायी नौकरी देने के बहाने अनुचित लाभ की मांग की। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दें, जो कल बंगाल में रैलियों को संबोधित करेंगे।’

सीएम बनर्जी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया

 CM Mamta Banerjee ने कहा, “प्रधानमंत्री संदेशखाली में बहुत सारी बातें कह रहे हैं। जैसे ही हमें कुछ गड़बड़ी मिली हमने आवश्यक कार्रवाई की थी। लेकिन असहाय महिला के आरोप सामने आने के बाद भी आपने पूरी रात राजभवन में ही बिताई। फिर भी आप चुप क्यों हैं?” ?,” उन्होंने इससे पूर्व बर्धमान जिले के पूर्बस्थली में दूसरी रैली में पूछा।

CV Ananda Bose

आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।

कोलकाता पुलिस ने राजभवन कर्मचारी द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर मामले में पुलिस शिकायत दर्ज की है, लेकिन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत प्रदान की गई छूट के कारण वे मामले में राज्यपाल CV Ananda Bose पर कोई कार्यवाही नही कर सकते हैं।

अनुच्छेद 361 क्या है?

भारत के संविधान का अनुच्छेद 361 भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल को दी गई छूट से संबंधित है, जो उन्हें आपराधिक कार्यवाही और गिरफ्तारी से बचाता है। अनुच्छेद में कहा गया है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल “अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन के लिए या उन शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन में उनके द्वारा किए गए या किए जाने वाले किसी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे।”

इसके अलावा, अनुच्छेद 361 में दो उप-खंड हैं जो कहते हैं कि

1. राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू या जारी नहीं की जाएगी|

 2. गिरफ्तारी के लिए कोई प्रक्रिया नहीं होगी। राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को कारावास उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत से जारी नही किया जाएगा।

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