BJP बहुमत(272+) से बहुत दूर, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार भाजपा के सामने कौन सी शर्तें करेंगे तय 

जेडीयू और टीडीपी केंद्रीय पदों के लिए कड़ी मोलभाव करेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि BJP को उनके समर्थन की जरूरत है

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BJP बहुमत से दूर

लोकसभा में BJP के बहुमत से पीछे रहने के बाद एनडीए में उसके सहयोगी दलों ने केंद्र में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के लिए कड़ी मोलभाव करना शुरू कर दिया है। गठबंधन के समय के दिग्गज एन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार सहित सहयोगी दलों ने कल हुई एनडीए की बैठक में अपनी मांगें रखी हैं। उन्होंने क्या मांग की है, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पता चला है कि गहन बातचीत चल रही है।

TDP की क्या हो सकती है मांग

ऐसी अटकलें हैं कि नायडू की टीडीपी, जिसने 16 लोकसभा सीटें जीती हैं और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की है, ने वित्त राज्य मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के पद सहित पांच मंत्री पदों की मांग की है। टीडीपी सड़क, पंचायती राज, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विभागों पर भी विचार कर सकती है।

JDU की क्या हो सकती है मांग

पार्टी सूत्रों ने बताया कि जेडीयू, जिसके पास अभी लोकसभा में 12 सांसद हैं, उसको दो कैबिनेट पद और एक राज्य मंत्री की भूमिका मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री का पद एक अहम विकल्प होगा। नीतीश कुमार की अगुआई वाली पार्टी नई एनडीए सरकार के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और इसके क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वय समिति के लिए भी दबाव डाल सकती है। साझा न्यूनतम कार्यक्रम एक संकल्प है, जो गठबंधन में पार्टियों के साझा एजेंडे को रेखांकित करता है।

दुसरे सहयोगियों की भी हो सकती है मंत्री पद की मांग

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस इस समिति के संयोजक थे। जेडीयू सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार अब इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं।

दो सीटें जीतने वाली जेडीएस अपने नेता और सांसद एचडी कुमारस्वामी के लिए केंद्रीय मंत्री पद की मांग कर सकती है। एचडी देवेगौड़ा की पार्टी ने खुद को किसानों की पार्टी के तौर पर पेश किया है और कृषि मंत्रालय पर विचार कर रही है।

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पिछली दो नरेंद्र मोदी सरकारों में अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल को मंत्री पद मिला था। इस बार उनकी पार्टी की संख्या 2019 में दो से घटकर एक रह गई है। आने वाले अगले कुछ दिनों में पता चलेगा कि वह अपनी मंत्री पद बरकरार रख पाती हैं या नहीं।

अन्य सहयोगियों को भी करना होगा समायोजित 

एनडीए के जिस दूसरे सहयोगी को BJP को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है, वह है एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना, जिसने महाराष्ट्र में सात सीटें जीती हैं, और चिराग पासवान की लोजपा, जिसने पांच सीटें जीती हैं। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण की जन सेना, जिसने दो सीटें जीती हैं, कोई केंद्रीय भूमिका मांगेगी या नहीं। 

BJP ने 240 सीटें जीती हैं – जो लोकसभा में बहुमत के आंकड़े 272 से 32 कम है। टीडीपी और जेडीयू के पास कुल 28 सीटें हैं और भाजपा के अन्य सहयोगियों के साथ एनडीए जादुई आंकड़े को पार कर जाएगा।

खड़गे ने मीडिया को किया संबोधित

दूसरी ओर, विपक्षी दल ने 232 सीटें जीती हैं। इस दल के शीर्ष नेताओं ने कल दिल्ली में बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की।

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए श्री खड़गे ने कहा, “INDI Allinces के घटक हमारे गठबंधन को मिले भारी समर्थन के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद देते हैं। लोगों के जनादेश ने BJP और उनकी नफरत और भ्रष्टाचार की राजनीति को करारा जवाब दिया है। यह जनादेश भारत के संविधान की रक्षा और महंगाई, बेरोजगारी और क्रोनी पूंजीवाद के खिलाफ तथा लोकतंत्र को बचाने के लिए है। INDI Allinces नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली BJP के फासीवादी शासन के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

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उन्होंने कहा आगे कहा कि हम लोगों की इस इच्छा को पूरा करने के लिए उचित समय पर उचित कदम उठाएंगे कि BJP सरकार उनके शासन में न आए। यह हमारा निर्णय है और हम इन बिंदुओं पर पूरी तरह सहमत हैं तथा हम लोगों से किए गए वादों को पूरा करेंगे।

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